दिनांक 17 /7 /2015 से सूर्य का उदय कर्क लग्न में होगा
17 / 7/ 2015 शुक्रवार के दोपहर के 2 : 41 मिनट से सूर्य कर्क राशि में जा रहे हैं । तीन दिन पश्चात , दिनांक 20 / 7 / 2015 को 10 : 57 मिनट से रात्रि में बुद्ध भी कर्क राशि में पहुचेंगे ।18 तारीख तक सूर्य और चंद्र की युति रहेगी। मंगल बुद्ध की युति मिथुन राशि में रहेगी। गुरु और शुक्र की युति सिंह राशि में रहेगी।राहु एवं केतु: कन्या एवं मीन से दृष्टी सम्बन्ध में रहेंगे। सूर्य पुत्र शनि अपने पिता सूर्य से पंचम स्थान में रहेंगे। दोनों के बीच में नवम - पंचम का योग बनेगा।
दृष्टी सम्बन्ध
- ग्रहों के राजा सूर्य अपनी सीधी दृष्टी से शनि की मकर राशि को देखेंगे एवं दिनांक 17 / 8 / 2015 तक शनि के साथ नवम - पंचम योग बनायेंगे।
- मंगल अपनी चौथी दृष्टी से कन्या राशि को देखेंगे जहाँ राहु विराजित हैं । 7 वीं दृष्टी से नवीं राशि धनु राशि को देखेंगे एवं आठवीं दृष्टी से शनि की राशि मकर को देखेंगे ।
- राजा: सूर्य एवं उनके सेनापति :मंगल , दोनों की दृष्टी मकर राशि पर होगी । दोनों ही गृह पापी ग्रहों में गिने जाते हैं ।
- मकर लग्न या फिर मकर राशि वालो को विशेष सावधानी रखनी होगी । अति उत्साह में किया हुआ कार्य जीवन भर का पछतावा दे सकता है ।
- गुरु की दृष्टी : अपनी ही राशि धनु पर होगी । सातवीं (7 वीं) दृष्टी कुंभ राशि पर होगी । एवं नवीं (9 वीं) दृष्टी मेष पर होगी । धनु , कुम्भ एवं मेष राशि वाले या लग्न वालों का यह साल साधारणतः उनके द्वारा सोचे हुए कार्यों को पूर्ण करेगा । क्यूंकि, गुरु सबसे पुण्य ग्रहों में से एक कहलाते हैं और उनका दृष्टी सम्बन्ध बहुत शुभत्व देता है इसलिए धनु, कुम्भ एवं मेष राशि वाले जातकों को विशेष फल प्राप्त होगा।
- शनि की तीसरी (3) दृष्टी : अपनी खुद की राशि मकर पर होगी । सातवी (7) दृष्टी वृष राशि पर होगी । और दसवीं (10 ) दृष्टी सिंह राशि पर होगी जहाँ गुरु और शुक्र विराजित है । मकर, वृष एवं सिंह राशि वालों को अपने किये हुए कार्यों में सावधानी रखनी होगी । न्यायिक प्रक्रिया से भी इन राशियों को या लग्न वालों को गुज़रना पड़ सकता है ।
बाकी दृष्टी सम्बन्ध भी एक - दो दिन में लिखुंगा लकिन, पूर्व में जैसा मैंने कहा था उस बात को मैं फिर कह रहा हूँ : कि, इस वर्ष प्राकृतिक आपदाएं रहेंगी । शनि चूँकि मंगल राशि में है इसलिए पृथ्वी पर होने वाली एवं पृथ्वी के नीचे से प्राप्त होने वाली मनुष्य के उपभोग की चीज़ो के दाम निश्चित नहीं रहेंगे, अस्थिरता बानी रहेगी । अब, चूँकि शनि और सूर्य का नवम - पंचम योग बन गया है, तो सुलझती हुई समस्याओं में भी बढ़ोतरी आएंगी। इसी योग की वजह से एवं शनि का वृश्चिक राशि पर होने से मन्दी एवं प्राकृतिक घटनाओं का दौर और तेज़ी से बढ़ेगा । भारत जैसे देश में यह घटनाएँ विशेष रूप से होंगी । जैसे की : कही अति वृष्टि (अधिक पानी गिरना ) , कही सूखे के हालात, ज़मीनों के भाव नीचे जाना, ज़मीन के नीचे से प्राप्त होने वाली वस्तुओ के मूल्य नीचे जाना। Mining जैसे धन्दो में दिक्कते आना आदि ।
LUCKY BABA
Om Sai....
बाकी दृष्टी सम्बन्ध भी एक - दो दिन में लिखुंगा लकिन, पूर्व में जैसा मैंने कहा था उस बात को मैं फिर कह रहा हूँ : कि, इस वर्ष प्राकृतिक आपदाएं रहेंगी । शनि चूँकि मंगल राशि में है इसलिए पृथ्वी पर होने वाली एवं पृथ्वी के नीचे से प्राप्त होने वाली मनुष्य के उपभोग की चीज़ो के दाम निश्चित नहीं रहेंगे, अस्थिरता बानी रहेगी । अब, चूँकि शनि और सूर्य का नवम - पंचम योग बन गया है, तो सुलझती हुई समस्याओं में भी बढ़ोतरी आएंगी। इसी योग की वजह से एवं शनि का वृश्चिक राशि पर होने से मन्दी एवं प्राकृतिक घटनाओं का दौर और तेज़ी से बढ़ेगा । भारत जैसे देश में यह घटनाएँ विशेष रूप से होंगी । जैसे की : कही अति वृष्टि (अधिक पानी गिरना ) , कही सूखे के हालात, ज़मीनों के भाव नीचे जाना, ज़मीन के नीचे से प्राप्त होने वाली वस्तुओ के मूल्य नीचे जाना। Mining जैसे धन्दो में दिक्कते आना आदि ।
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