Thursday, October 1, 2015

द्वितीय स्थान : विद्या एवं ज्ञान का स्थान 

कुंडली में  द्वितीय स्थान को ज्ञान एवं विद्या का स्थान भी कहा जाता है । इस स्थान से किसी मनुष्य के ज्ञान एवं  जानकारी के स्वभाव को जाना जा सकता है । जिस प्रकार का प्रभाव द्वितीय स्थान पर या फिर द्वितीय स्थान के स्वामी पर ग्रहों की दृष्टियाँ पड़ती है , उनका असर मनुष्य के ज्ञान , विद्या , जानकारी आदि पर दिखाई देता है। मनुष्य की विद्या उस प्रकार की होती है । द्वितीय भाव पर गुरु और शुक्र का प्रभाव अगर अधिक हो तो मनुष्य को कानून का ज्ञान होता है । साधारणतः इस प्रभाव पर मनुष्य , कानून की डिग्री प्राप्त करता है या फिर उसे कानून की जानकारी रहती है । शनि तथा राहु के प्रभाव से मनुष्य को medical (डॉक्टरी ) का ज्ञान होता है या फिर वह मेडिकल की डिग्री प्राप्त करता है । शुक्र तथा बुद्ध का प्रभाव अगर द्वितीय भाव पर आता है तो , मनुष्य को कला (arts) का ज्ञान होता है । 

मुझे यहाँ यह लिखने में कोई संकोच नहीं होगा की , यदि दूसरे भाव में शुक्र एवं बुद्ध उच्च भाव में हो या फिर ताक़तवर हो , तो मनुष्य अपने कुटुंब का निर्वाह कला के माध्यम से धन अर्जित करके करता है । दुसरे शब्दों में मैं अगर कहु तो - दुसरे भाव का स्वामी उच्च भाव में स्थित होकर अगर शुभ दृष्टियों से प्रभावित हो जाए तो वह मनुष्य कुटुंब के अलावा समाज में भी अपने धन एवं अपने ज्ञान से लोगो को ज्ञान एवं पालन पोषण में मदद करता है । ऐसा मनुष्य उत्कृष्ट गुणों से युक्त धनवान, सुन्दर, दूरदर्शी होता है । आगे मैं यह लिखने में संकोच नहीं करूँगा की अगर द्वितीय घर पर बलवान  सूर्य का असर हो तो ऐसा मनुष्य लोगो का बहुत उपकार करता है । ऐसा मनुष्य विद्या के माध्यम से विद्या एवं धन दोनों की प्राप्ति करता है और अपना स्थान समाज में बनाता है। 

यदि द्वितीय भाव का सम्बन्ध , शनि ग्रह से हो तो ऐसा मनुष्य, विद्या एवं ज्ञान के क्षेत्र में पिछड़ जाता है । इस प्रकार के मनुष्य ज्ञान, विद्या एवं लोगो पर उपकार करने के क्षेत्र में अक्सर पीछे रह जाते है । अब मैं , इस बात को तथ्य पूर्वक कह सकता हूँ की द्वितीय भाव में ग्रहो की स्थिति से या फिर द्वितीय भाव कितना बलवान है एवं उस पर किन - किन ग्रहो की दृष्टी है , से समझा जा सकता है की मनुष्य कितना ग्यानी है , विद्या के क्षेत्र में कहा जायेगा एवं कितना परोपकारी होगा। 

  

Lucky Baba

Om Sai...

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