आदरणीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, आज कल आप मेरे बड़े favorite हो गए हैं । मुझे अपना बचपन याद आने लगा,मेरे ख्याल से भारत देश की 125 करोड़ के नागरिको में कई लोगों को यह अनुभव होता होगा । साधारणतः हमारे समाज में गर्मी की छुट्टियों में या फिर शादी ब्याहों में लड़कियाँ मायके जाया करती हैं । मेरी माँ भी इन अवसरों पर अपने मायके जाया करती थी यानी कि मैं अपने तीन भाई और एक बहन के साथ ननिहाल जाया करता था ।
मुझे नानी के यहाँ जाना बहुत अच्छा लगता था । उस समय तो पता नहीं था कि मुझे ननिहाल क्यों अच्छा लगता है , लेकिन जबसे आप देश के प्रधान मंत्री बने हैं कुछ - कुछ समझ में आ रहा है कि ननिहाल क्यों अच्छा लगता है । आप जबसे प्रधान मंत्री बने हैं इस देश के 125 करोड़ नागरिको में ज्यादातर लोग मेरे विचारो से सहमत होंगे । वजह यह है प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी,पिता के घर में साधारणतः मैं अपने बचपन से दूर रहता था , पूरे समय अपने बचपन के कार्यो से दबा रहता था,जैसे कि स्कूल जाना, माँ की छोटी - मोटी मदद करना,ज़रा असावधानी होने पर डांट खाना आदि। कहने का तात्पर्य है कि स्कूल में ज़रा सा homework ना करने पर बेंत खाना, घर में कुछ थोड़ा सा गड़बड़ होने पर माँ - बाप से डांट खाना या फिर कभी एक - दो चाटे खा जाना । पूरे टाइम माता - पिता के उपदेश सुनना यह करो - वह करो वरना जीवन बर्बाद हो जायेगा, पूरे टाइम शिक्षा और उपदेश ही देते रहते थे जीवन के प्रति । आज मैं पिता बनने के बाद यह सोचता हू कि वह पूर्ण रूप से सही थे । जिस प्रकार उन्होंने शिक्षा प्राप्त कर के अपने जीवन में एवं परिवार में सफलता प्राप्त की थी,वैसे ही कर्म योगी एवं धर्म योगी हम सभी को बनाना चाहते थे । लेकिन,प्रधान मंत्री जी,मुझे तो उस समय ननिहाल अच्छा लगता था । आप बुरा मत मानना मुझे तो ननिहाल अच्छा लगता था ।
नानी के यहाँ जाने का सुन कर हम सभी भाई - बहन बहुत खुश हो जाते थे । बाकी का तो नहीं पता लेकिन मैं तो एक - एक दिन गिनता था । क्यूंकि वहां पर बड़ा जश्न रुपी माहोल होता था , सारी मौसियों और मामाओं के बच्चे एकत्रित हुआ करते थे, नानी के गाओ के बड़े से घर में मामा - मौसी और रिश्तेदारो के बच्चे एकत्रित हुआ करते थे , हम सब बहुत मस्ती मारा करते थे , खूब धमा - चौकड़ी , खेल - कूद , सभी कुछ होता था , अगर नहीं होता था तो हमें समझाने वाला वह मनुष्य जिसे हम लोग पिता कहते हैं और जिसका हमारे दिल - दिमाग में डर था । सच्ची में श्री नरेंद्र मोदी जी , बड़ा मज़ा आता था । मैं सही - सही बोल रहा हू , नानी हमें बहुत प्यार करती थी । अगर हम लोगो के खेल - कूद में कोई तंग करता था तो या तो उन्हें वह समझा देती थीं या फिर डाट की हुडकी देकर समझा देती थी की बच्चो को खेलने - कूदने दो उन्हें कोई कुछ नहीं कहेगा । श्री नरेंद्र मोदी जी, कहा पिताजी की वह फटकार और कहा नानी का यह प्यार । हम सभी लोग खाना खाने के पश्चात नानी के साथ छत पर सोने जाया करते थे । मैं अपने बारे में कहु तो मैं इस समय का बहुत इंतज़ार करता था और मेरे ख्याल से मेरे सारे साथी भी इस का इंतज़ार करते थे क्यूंकि, नानी हम सभी बच्चों को काल्पनीक कहानिया सुनाया करती थी जिन कहानियों में साधारणतः एक राजकुमार हुआ करता था जो सारे सदगुणो से भरा होता था । वह राजकुमार अपने देश का राजा होता था , वह सर्व शक्तिशाली होता था , वह किसी भी असाधारण कार्य को करने की क्षमता रखता था और उसके राज्य में कुछ भी गड़बड़ नहीं होती थी । जैसे की : सूखा पड़ना , दुर्घटना होना , व्यापार में घाटा आ जाना आदि। आज की तरीख में , मैं दावे से कह सकता हू वह हमारे देश का सबसे प्यार प्रदेश गुजरात है । बाकी प्रदेशों के नागरिको को गुजरात से सीखने की ज़रूरत है या फिर चुल्लू भर पानी में डूब मर जाने की ज़रूरत है ।
गुजरात की खुशहाली की वजह नानी का वह जो राजकुमार (राजा ) होता था वह आप श्री नरेंद्र मोदी हैं । मुझे बहुत याद आती है नानी , आज पचास साल की उम्र में मुझे वह राजा मिल गया, नानी की कहानी का पात्र । नानी का वह राजा अब अपनी शक्ति , दिमाग , बाहुबल से लोगो को मूर्ख बना कर अपने राज्य की सीमाएं बढ़ाया करता था । आपने भी ठीक उसी प्रकार भारत के सर्वोच्च पद प्रधान मंत्री को प्राप्त किया । भई नरेंद्र मोदी जी बहुत - बहुत बधाई । अब आप इस देश को नानी की कहानी के सर्व गुण संपन्न राजा की तरह गुजरात प्रदेश जैसा बना देंगे । जहाँ आपके रहते हुए कोई प्राकृतिक विपदा नहीं आई , कोई सामाजिक समस्या नहीं खड़ी हुई , जहा कोई राजनैतिक युद्ध नहीं हुआ , जहाँ वाहन या किसी प्रकार की दुर्घटना नहीं हुई , जहाँ व्यभाचार एवं बलात्कार नहीं हुआ , जहाँ सिर्फ खुशाली ही खुशाली है, भरपूर व्यापार है , राजनैतिक एवं सामाजिक शांति है , पति - पत्नी शिव पारवती की तरह रहते हैं और हमारे भारत देश के सबसे समृद्ध परिवार गुजरात में ही हैं । यह सारी खूबियाँ मेरी नानी के राजकुमार की तरह आपमें ही समाहित हैं । समाचार माध्यमो से एवं चुनावी आम सभाओ में मेरी नानी की कहानी के राजकुमार की तरह आपके एवं आपकी सेना द्वारा घोषित 56 इंच की छाती के राजकुमार (राजा) की तरह ।
बल्कि मैं तो यह कहू की इस देश के filmy महानायक (अमिताभ बच्चन )को आपने कितने पैसे दिए यह तो पता नहीं लेकिन वह भी हर चैनल पर हर आधा एक घंटे में गुजरात की खूबियाँ गिना कर यह कहता था की ,एक दिन तो गुजारिये गुजरात में (और वही सदी का filmy महानायक आपके प्रधान मंत्री बनने के बाद अब 125 करोड़ भारतोयी को कहता है कि अपना - अपना Insurance करा लो,इसी फिल्मी महानायक की मुझे यह लाईने याद आती हैं: जोर का झटका धीरे से )। हम सभी 125 करोड़ भारतीय अपनी समझदारी दिखाते हुए गुजरात तो नहीं गए क्यूंकि वहाँ सब कुछ अस्त - व्यस्त हो जाता, स्वर्ग नरक हो जाता । फिल्मी सदी के महानायक की बात को मानते हुए,125 करोड़ की जनता ने इस भारत रुपी देश को आपके कहे अनुसार कि, आप देश का नेतृत्व करेंगे या फिर मेरी नानी की कहानी के राजा के अनुसार , जितनी आपकी राज्य सीमा होगी वह इस ब्रह्माण्ड का सर्वश्रेष्ठ देश हो जायेगा ।
हम सभी भारतीय आपकी बात को सत्य मानते हुए पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का जनादेश या फिर यु कहें की निवेदन करते हुए कह रहे हैं कि इस पूरे देश को गुजरात प्रदेश जैसा खुशाल बना दें । आपने कुछ सूत्र भी बताये थे कि यह देश खुशाल कैसे बनेगा , जैसे कि : भ्रष्टाचार खत्म हो जायेगा, हर बेरोज़गार को रोज़गार मिलेगा, हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा किए जाएंगे , शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी समस्याएं पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएँगी, व्यभाचार एवं बलात्कार पूर्ण रूप से भारत देश में खत्म हो जायेंगे , सामाजिक बुराइया समाप्त हो जाएँगी,बुलेट ट्रैन में बैठ कर हम सभी भारतीय घूमा करेंगे आदि , आदि । आप , श्री नरेंद्र मोदी जी : देश के प्रधान मंत्री एवं नानी के राजकुमार में सम्पूर्ण समानता है (एक से हो) । नानि की कहानी सुन कर मुझे बड़ी नींद आती थी एवं बड़े अच्छे - अच्छे सपने देखते थे , यही स्तिथि कमोबेश पूरे देश की है , ख़ास कर भारतीय किसानो की , भारतीय बेरोज़गारों की , और विशेष रूप से उन् भारतीयों की जिन्हे आपने विशेष रूप से बैंक खाते खुलवाने के लिए प्रेरित किया । मैं अपनी तरफ से दावे से कहता हू , मेरी नानी की कहानी के 56 इंच की छाती के राजा आप ही हो । प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी , शत - शत प्रणाम ।
नानी की कहानी के पात्र को मैं समय - समय पर बार - बार लिखता रहूँगा ।










