Wednesday, June 17, 2015

15 June 2015  से 30 जुलाई 2015  तक मंगल की  स्तिथी 


मिथुन राशी मे मंगल सुर्य के साथ स्थित होगा जो कि सुर्य के उदय  काल में लग्न में स्थित रहेगा  एवं लगभग दो घंटे में अपनी लग्न बदलता रहेगा । इस तरीके से मिथुन लग्न में होकर बारह घरो में सुर्य के साथ 17 July तक २४ घंटे में रोज़ अपना चक्र पूरा करेगा । इन परिस्थितियो में जैसी लग्न रहेगी वैसे - वैसे उन उन घरो पर जहा -जहा द्रीष्टी संबंध बनेगा , मंगल का असर होगा । लेकिन, मूल  रूप से, मंगल का असर कन्या राशी पर, धनु राशी पर, एवं मकर राशी पर रहेगा क्योंकी मंगल कि ददृष्टि  4  , 7  एवं  8  होती है । चुंकी मंगल 30 July 2015  तक मिथुन राशी में  रहेगा तब तक मंगल का दृष्टि संबंध  4 (चौथी )  दृष्टि से कन्या राशि में , 7  (सातवी ) दृष्टि से धनु राशी में एवं 8  (आठवी )दृष्टि से मकर राशी में  होगा । मिथुन राशी में 15 June 2015  से सुर्य उदय होगा, इसीलिये  मंगल और सुर्य की युती 17 July 2015  तक रहेगी ।

मंगल को सूर्य  का सेनापती कहा गया है , तथा मंगल को संघर्ष का कारक भी माना गया है । इसीलिये राजा और सेनापती कि युती 17 July  2015  तक बनी रहेगी । आजकाल राजा सरकार को माना जाता है तथा उसके नेत्रित्व करने  वाले को मुखिया और उनके करीबी लोगो को जो सत्ता में  होते हैं सेनापती । मंगल, संघर्ष का कारक होने की  वजह से इन दोनो ही लोगो को एवं जिनकी कुंडली में सुर्य और मंगल की स्थिति जिस प्रकार है उस प्रकार का संघर्ष उत्पन्न करेगा । ऐसा में इसलिये केह रहा हूँ क्यूँकि  सुर्य और मंगल मित्र ग्रह हैं ।

सरकार एवं  2  - 3 एवं करीब की  स्थिती रखने  वाले किसी न किसी वजह से संघर्ष करते हुए मिलेंगे ।यह  अलग बात है  कि  वह इस संघर्ष में सफलता पायेंगे ।यह स्थिती हर मुखिया एवं २ या ३ कि स्थिती में रेहने वालों के साथ चलेगी । मंगल  4(चौथी )  दृष्टी से कन्या राशी को देख रहा है। जहां बुद्ध उच्च का होता है । 7 (सातवी ) दृष्टी से धनु राशी को देखेगा । और 8 (आठवी ) दृष्टी से मकर राशी को देखेगा । धनु राशी का स्वामी गुरु है और मकर राशी का स्वामी शनि है । सुर्य और मंगल दोनो ही अग्नेय एवं उग्र ग्रह हैं । इसीलिये मंगल अपनी शक्तिशाली दृष्टी  से बुद्ध ग्रह को, गुरु ग्रह को, एवं शनि ग्रह को देखेगा ।

जिन लोगो कि कुंडली में गुरु , बुद्ध एवं शनि ग्रह जिन स्थितियो में हैं उनके परिणामो को मंगल अपनी दृष्टी से उनके परिणामो को उग्र कर देगा एवं अपना प्रभाव डालेगा । मंगल जहा बैठा है  वहा तो अपना प्रभाव डालेगा ही , येह स्थिती 17 July  तक विशेष और उसके पश्चात 17 July  से 30 जुलाई 2015  के बीच में  मध्यम रहेगी ।शनि, बुद्ध एवं गुरु प्रभावित लोगो पर उग्रता, भाव आवेश के द्वारा निर्णय  एवं संघर्ष कि स्थिती बनयेगा ।

इन ग्रहो से प्रभावित सारे व्यापार, वस्तुये एवं इन से संलग्न जीव पर मंगल का विशेष असर रहेगा । इन से संबंधित घटनाये एवं दुर्घटनाये बहुत तेज गती से होंगी । चूकी चंद्र सबसे तेज गती से चलने  वाला ग्रह है , और प्रथ्वी के काफी करीब है  और लगभग दो दिन में एक राशी से दूसरी राशी में पहुंच जाता है इसीलिये जब यह ग्रह मंगल, बुध , शनि, गुरु , चंद्र के प्रभाव में होंगे तब तक मंगल के परिणाम विशेष रूप से उनकी परिस्थितियो के अनुसार असर डालेगा ।      

17 July तक प्राकृतिक , सामाजिक , राजनैतिक रूप से उथल पुथल रहेगी एवं मंगल का असर जहा रहेगा वह विशेष रूप से उथल पुथल का दौर चलेगा ।

Note :  
        





LUCKY BABA

Om Sai...



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