पैरों की आहट
मेरा तेरे पेरो की तारीफ़ करने से तेरे शरमाने की वो खामोश अदाधीरे धीरे मुशकुराना फिर जोर से खिल खिलाने की अदा
वो तेरे सुन्दरं से पैरो का जरूरत से भी ज्यादा सुन्दरं होना
मेरा तेरे पैरो की तारीफ़ करना तेरी खामोशी से निहारने की अदा
अगूठे से जमी को कुरेदना और मासूमियत से मुझे निहारने की अदा
किस लिए है और क्यूँ है तेरे इस तरह बला के हसीन पैर
मेरा तेरे पैरो की तारीफ़ करने से तेरे शरमाने की वो खामोश अदा
धीरे धीरे मुस्कुराना फिर जोर से खिल खिलाने की अदा
बड़ी खूब सूरती से पैरो को छूपाने की और कभी दिखाने की अदा
तेरे पेरो को देखते वक्त मेरी निगाहोंको पढने की तेरी मासूम सीअदा
न जाने क्यूं मेरी किसी भी ख़ामोशी पे वो तेरे पैर हिलाना की अदा
मेरा धीरे से थोड़ा सा मुशकुराना तेरा जोर से खिल खिलाने की अदा
मेरा तेरे पैरो की तारीफ़ करने से तेरे शरमाने की वो खामोश अदा
धीरे धीरे मुशकुराना फिर जोर से खिल खिलाने की अदा
तेरे सजने सवरने में पैरो को, बड़े ही करीने से सजाने की अदा
मेरे कुछ न बोलने पर तमतमा के बारबार मुझे देखने की अदा
जरा सी मेरी तारीफ़ में वो जी भर के मुझ से लिपटने की अदा
मेरा घबराके सहमना तेरा मुझ से इतराके के लिपटना की अदा
मेरा तेरे पैरो की तारीफ़ से तेरे शरमाने की वो खामोश अदा
धीरे धीरे मुशकुराना फिर जोर से खिल खिलाने की की अदा
बड़ी खूब थी तेरी पुरानी वो यादे उन यादो को सुनाने की तेरी वो अदा
किसी के आ जाने पे वो आ गया कहके तेरे खामोश हो जाने की वो अदा
खामोशी में आखे झुकाकर धीरे से उसे देख कर मुश्कुराने की तेरी वो अदा
किस कदर खामोश हो जाया करती थी तू उसके आने भर की आह्ट से
जाते ही उसके पैरो को पटके जमी पे वो जोर से ठहांका लगाने की अदा
मेरी तेरे पैरो की तारीफ़ करने से तेरे शरमाने ने की वो खामोश अदा
धीरे धीरे मुशकुराना फिर जोर से खिल खिलाने की अदा
बाबा लकी
मेरा धीरे से थोड़ा सा मुशकुराना तेरा जोर से खिल खिलाने की अदा
मेरा तेरे पैरो की तारीफ़ करने से तेरे शरमाने की वो खामोश अदा
धीरे धीरे मुशकुराना फिर जोर से खिल खिलाने की अदा
तेरे सजने सवरने में पैरो को, बड़े ही करीने से सजाने की अदा
मेरे कुछ न बोलने पर तमतमा के बारबार मुझे देखने की अदा
जरा सी मेरी तारीफ़ में वो जी भर के मुझ से लिपटने की अदा
मेरा घबराके सहमना तेरा मुझ से इतराके के लिपटना की अदा
मेरा तेरे पैरो की तारीफ़ से तेरे शरमाने की वो खामोश अदा
धीरे धीरे मुशकुराना फिर जोर से खिल खिलाने की की अदा
बड़ी खूब थी तेरी पुरानी वो यादे उन यादो को सुनाने की तेरी वो अदा
किसी के आ जाने पे वो आ गया कहके तेरे खामोश हो जाने की वो अदा
खामोशी में आखे झुकाकर धीरे से उसे देख कर मुश्कुराने की तेरी वो अदा
किस कदर खामोश हो जाया करती थी तू उसके आने भर की आह्ट से
जाते ही उसके पैरो को पटके जमी पे वो जोर से ठहांका लगाने की अदा
मेरी तेरे पैरो की तारीफ़ करने से तेरे शरमाने ने की वो खामोश अदा
धीरे धीरे मुशकुराना फिर जोर से खिल खिलाने की अदा
बाबा लकी
