बुध का मिथुन राशी में प्रवेश
सुर्य और मंगल पहले से ही मिथुन राशी में हैं । आज दोपहर में बुध, मिथुन राशी में प्रवेश कर गए हैं । सुर्य और बुध की युती को बुद्धादित्य योग केहते हैं । सुर्य और बुध का संबंध राजा और युवराज का है , दोनो में मैत्री संबंध भी हैं । बुध जिस ग्रह के साथ रहते हैं उस ग्रह को ताक़त देते हैं । यहां पर सुर्य के मित्र होने के नाते सुर्य को विशेष ताक़त प्रदान करेंगे । मंगल पहले से ही सुर्य के साथ हैं , मंगल संघर्ष का भी कारक हैं , सुर्य को राजा और मंगल को सेनापती कहा जाता है । बुध के आने से सुर्य एवं मंगल को विशेष शक्ती प्राप्त होगी ।
आजकाल राजा का तात्पर्य सरकार के मुखिया से निकाला जाता है। कही सरकार का मुखिया प्रधान मंत्री है , कही मुख्य मंत्री है, कही राष्ट्र पति के रूप में जाना जाता है , या फिर कई देशो में इन्हे अलग अलग उपाधियो से जाना जाता है। जहां कही भी यह लोग संघर्ष में थे अब ,17 July तक यह संघर्ष पर काबू पाएंगे या सफलता पूर्वक उसका सामना करेंगे। यही स्थिति कमोबेश सूर्य , बुध और मंगल का 9 वी राशि धनु पर सीधा दृष्टी सम्बन्ध होने से मिथुन एवं धनु राशि को भी विशेष ताक़त मिलेगी। मिथुन एवं धनु राशि 17 July तक विशेष शक्ति प्राप्त करेंगे । मंगल का पहला दृष्टी सम्बन्ध कन्या राशि में होगा। 7 वा दृष्टी सम्बन्ध धनु राशि में होगा। और 8वा मकर राशि में होगा। इन राशियों को मंगल की विशेष शक्ति मिलेगी।
यह राष्ट्राध्यक्षों के अलावा किसी भी संगठन के प्रमुख या मुखिया या किसी भी प्रकार के मुखिया को विशेष शक्ति देगा चाहे वह व्यापारिक प्रतिष्ठान का मुखिया हो या घर का ही मुखिया क्यों ना हो । जिन लोगो के मिथुन लग्न है उन्हें भी विशेष लाभ प्राप्त होगा । मिथुन लग्न वालों को खासकर वह लोग जिनके मिथुन लग्न में सूर्य और बुध हो या फिर धनु राशि में सूर्य और बुध हो , सूर्य गृह को मज़बूत करने के लिए अपने पिता के चरण छूने चाहिए बल्कि , मै यह कहूँगा की अपने सर को अपने पिता के चरणो में रखना चाहिए जिससे विशेष लाभ प्राप्त होगा।
LUCKY BABA....
Om Sai....
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